लेखनी कविता -09-Aug-2024
शीर्षक -अवतार
कलयुग में अवतार होना हैं। जीवन का उद्धार करना हैं। सतयुग का आना निश्चित हैं। हर युग में अवतार होते हैं। कल्कि अवतार होना निश्चित हैं। हम सभी अपने मन भाव रखते हैं। अवतार तो धर्म की हानि बचाव करते हैं। सत्य और धर्म के अवतार हम जानते हैंं। राम कृष्ण और मत्स्य अवतार वर्णन हैं। अवतार के साथ हम सभी का धर्म हैं। हम सब मिलकर धर्म की राह चलते हैंं। अवतार तो प्रभु का नाम हम मानते हैं। जय घोष हम कल्कि अवतार का करतें हैं।
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Arti khamborkar
21-Sep-2024 09:21 AM
marvelous
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